@Rishi_Babbar द्वारा लिखित | 25 December 2017
जैसा कि हम जानते हैं कि “TIGER ZINDAA HAI” sequel है “EK THA TIGER” की । मैं यहाँ फिल्म की कहानी पर ज्यादा ज़ोर ना देते हुए कुछ अन्य बातें बताना चाहुंगा, जो मैंने notice करीं । आगे बढने से पहले मैं यह कह दूं कि सभी ने फिल्म में जो मेहनत की है उसका मैं सम्मान करता हूँ और इतना खर्चा करने के लिए यशराज की दाद देता हूँ ।
सारांश में कहानी
तो यह है कि R.A.W का agent टाइगर (Salmaan Khan) अभी भी जीवित है और
Austria देश में अपनी पाकिस्तानी पत्नी ज़ोया (Katrina Kaif) और बेटे के साथ सुखी जीवन व्यतीत कर रहा है । ईराक में जब कुछ आतंकि, 40 भारतीय और पाकिस्तानी nurses को बंदी बना लेते हैं
तो उन्हे सुरक्षित निकालने हेतु कोई और उपाय
ना सुझने पर R.A.W chief (Girish Karnaad) टाइगर का नाम लेते
हैं । उनके अनुसार टाइगर ही इस mission को पूरा कर सकता है
। और अंत में वह उन्हें बचा भी लेता है ।
अब किसी भी action फिल्म से यह उम्मीद की जाती है कि जब Hero
की entry हो तो एकदम धमाकेदार हो, लेकिन यहाँ मुझे
निराशा हुई कि सल्मान की entry वैसी नहीं थी जैसी expectation
थी । इस पहले scene में टाइगर अपने junior
यानी बेटे को भेडियों से बचाता है और सही पूछो तो यह scene इतना effective नहीं है और काफी stretch किया हुआ है और abruptly end हो जाता है। कट्रीना के fight scenes फिर भी अच्छे हैं, एक scene तो Scarlett Johnsson की याद दिलाता है ।
अगर background music कि बात की जाए तो, पूरी फिल्म में शुरु से आखिर तक एक ही धुन repeatedly बजती रहती है जोकि फिल्म की Title theme है। मेरे कहने
का मतलब है कि background music में variations बहुत कम हैं जो किसी भी चलचित्र को आनंदमय बनाने में अति सहयोग करता है ।
तो इसका मतलब यह निकलता है कि Julius जी का background score मेरे कानों को भाया नहीं।
उदाहरण के तौर
पर देखा जाए तो मैं अंग्रेज़ी फिल्म FAST & FURIOUS 8 के background score की बात करना चाहुंगा, जहाँ climax में Toretto अपने मित्रों को बचाने हेतु बर्फ में से अपनी
गाडी में निकलता है तो उस scene में उसकी वो typical धुन/ tune सुनाई देती है जो पूरी फिल्म में सुनाई ही नहीं
दी और इससे scene बहुत- बहुत enhance हो जाता है और एक scene का emotional और visual quotient जाग उथता है । अब जो लोग यह सोच रहे हैं कि मैं अचानक Hollywood से compare कर रहा हूँ तो मैं उन्हे बता दूं कि कला कि
कोई सीमा नहीं होती । और मैं तो अचम्भित हूँ कि इतनी फिल्मों के बाद भी जूलियस भाई
ने background music के साथ experiment
ठीक से क्यों नहीं किया ! F7, F8 और अन्य फिल्में जैसे TRANSFORMERS आदि में हर scene
का अपना एक unique music piece है जो अलग से एक
album के रूप में भी available है। मुझे
नहीं लगता की yrf studios में कोई कमी है और यह state-of-the
art studio,जिसमें स्व.मदन मोहन जी के संगीत ने पुनर्जन्म लिया था, इस बात का प्रमाण है कि वह पूरी काब्लियत रखता है उत्तिर्ण होने की ।
दूसरी ओर मैं Vishal-Shekhar की जोडी को बहुत बधाई देता हूँ
जो इतने मधुर गाने हमें दिए और देते आए हैं ।
बाकी और मुझे लगा
कि Editor रामेश्वर जी का काम थोडा अधिक sharp
होना चाहिए था । इस्के इलावा overall देखा जाए
तो अली जी की direction ठीक-ठाक रही । लेकिन पूरी फिल्म में गोलियां कुछ ज्यादा ही चलीं । बंदूकों का overdose हो गया ।
“TIGER ZINDAA HAI” बार-बार देखने वाली फिल्म तो नहीं है खास्कर cinema hall में । इस्लिए इसे repeat
audience इतनी नहीं मिलेगी । जिस तरह कुछ film critics ने इसे बहुत interesting बताया तो दूसरी तरफ किसी ने तो इसे बहुत गिरा दिया । मैं इन दोनो के बीच में कहीं सहमत
हूँ ।
और आखिर में जोड्ना
चाहुंगा की Marcin जी कि
Cinematography बहुत अच्छी थी। अन्य Actoरों की बात की जाय
तो परेश जी का काम बहुत ही natural और interesting रहा । कुमुद जी के छोटे-छोटे comedy segments बहुत मज़ेदार
थे । तो मैं सभी audiences से कहुंगा की अगर वे इन छुट्टियों
में cinema और देसी action का आनंद लेना
चाहते हैं तो ज़रूर जाएं देखने इस फिल्म को अपने नज़्दीकी theatres में। और यदी उन्हें tickets कुछ ज्यादा ही महंगी लगें
तो 2-3 महीने इंतेज़ार करें जब तक फिल्म की online streaming,
DVD या Blu-ray नहीं आ जाती। इस फिल्म की कमाई आगे होते रहने का एक कारण यह भी है की इस समय और कोई बडी फिल्म रिलीज़ नहीं हुइ । यदि पाद्मावती आ जाती तो टाइगर को इतनी आमदनी नहीं हो पाती ।
यहा तक सम्पूर्ण
पढ्ने के लिए धन्यवाद ।।